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कॉप्लेक्ससिटी को समझें

By March 19, 2018January 2nd, 2024No Comments
कॉप्लेक्ससिटी में नुक्कड़-नाटक

कॉप्लेक्ससिटी का अर्थ क्या है? इस ‘शहर’ में इतना जटिल क्या है? ये मेरे शहर के बारे में बात हो रही है या आपके? इस सब में मेरे लिए क्या है?

जब इस तरह के सवाल उठने लगते हैं, तो हमने तय किया कि आपको इस शहर में हो रहे हलचल की कुछ बारीकियों से मिलवाया जाए और बताया जाए कि ऐसा क्या है जिसने हमें काफी व्यस्त रखा हुआ है। ‘कॉप्लेक्ससिटी’ 23 मार्च से 28 मार्च 2018 तक के लिए निर्धारित है। हमारी नियोजनों को जानने व समझने में 5 मिनट से भी कम समय लगेगा।

पर सर्वप्रथम, एक छोटी सी भूमिका।

शहरों पे ध्यान केंद्रित क्यों करें?

युवा संस्था ने शुरू से ही शहर के सबसे असहाय तथा वंचित वर्गों को उनका अधिकार दिलाने के कार्य में संलग्न एक अलाभकरी विकास परस्त संस्था के रूप में कार्य किया है। ‘शहर’ हमारे कार्य करने के केंद्र में सदैव रहा है, जब से हमने कार्य करना प्रारम्भ किया तब से लेकर आज तक। हमारी प्रेरणा ‘एक सर्वसमाहित, भागीदारी, तथा लोकतांत्रिक शहर हैं, और यही कारण है कि ‘कॉप्लेक्ससिटी’ की आत्मा है: शहर। शहर के इर्द-गिर्द तथा समाहित जिन्दगियाँ।

शहर का वो हिस्सा जो जटिल है और सम्पूर्ण भी

अपने निरंतर स्वरूप तथा बढ़ते दायरे के कारण शहर सदैव ही अचम्भित करते रहे हैं। हम सब मिल के संहार का निर्माण करते हैं, अलग-अलग तरह से हम सब ने इसमें अपना योगदान देते रहते हैं। इस सब के बावजूद शहरी यथार्थ का एक बहुत छोटा और एकरूपित प्रतिबिम्ब ही देख पाते हैं, या फिर दिखाया जाता है। कई बार हमें वही दिखाया जाता है जो कि मुख्यधारा में फैले विचार हमें दिखाना चाह रहे हों। स्वयं में उलझे और स्वयं से जुड़े बहुत सारे अपनों को तलाशने में कई बार हम शहर की कई सच्चाइयों को देखने से चूक जाते हैं। क्या हम शहर की अलग संस्कृतियों से कभी रू-ब-रू हुए हैं? शहर में रहने वाली अलग-अलग जिन्दगियाँ, उनका अलग रहवास, उनके रहने के अलग-अलग तरीक़े और कितना कुछ जो हमसे अक्सर छूट जाता है।

‘कॉम्प्लेक्ससिटी’ में निहित ये ‘कॉम्प्लेक्स’ अर्थात जटिलता इन्हीं सच्चाइयों को ढूँढने का प्रयास है। अलग-अलग कार्यक्रमों तथा प्रतिस्पर्धाओं के माध्यम से हम शहर के अलग-अलग हिस्सों से आपको मिलवाने का प्रयास कर रहे हैं। इन कार्यक्रमों में यूथ इवेंट, सेमिनार, सांस्कृतिक कार्यक्रम, शहर की समस्याओं पर आधारित प्रतिस्पर्धाएँ, फ़िल्म स्क्रिनिंग, और शीघ्र ही विमोचित होने वाला अर्बन संसाधन केंद्र प्रमुख हैं, और इस सब के माध्यम से हम शहर, शहर में हमारी भूमिका, और शहर में मौजूद जगह यूँ ही सर्वसमाहित और लोकतांत्रिक बने रहे, ना सिर्फ़ हमारे लिए बल्कि आने वाली पीढ़ियों के लिए।

हम किस शहर की बात कर रहे हैं?

जिस शहर के बारे में भी बात की जाए। हालाँकि इस वर्ष होने वाले कार्यक्रम मुंबई तथा नवी मुंबई तक ही सीमित हैं, परंतु हमारा लक्ष्य इस चिंगारी को अन्य शहरों में शीघ्र से शीघ्र ले जाने का प्रयास है। आने वाले समय में इन बातों को अन्य शहरों में भी फैलाने का प्रयास जारी है।

इस में आप के लिए क्या है?

यहाँ सब के लिए कुछ ना कुछ है।

सिनेमागोई हो? आपके लिए शहर पर आधारित एक फ़िल्म फ़ेस्टिवल है। पर इस बार ये सब फ़िल्म दिखाने मात्र तक सीमित नहीं है (जो कि मुंबई तथा नवी मुंबई की अनेकों बस्तियों में होगा और अंततः दक्षिण मुंबई में स्थित सेंटर फ़ोर एजुकेशन एंड डॉक्युमेंटेशन में होगा) बल्कि इसके साथ है बहुणमुखी सच्चाइयों के बारे में जीवंत चर्चा जो कि हम शुरू करना चाहते हैं समुदाय के बीच से।

शहरों पर हो रहे अकादमिक संवाद में शामिल होना चाहेंगे? यदि ऐसा है तो शहरी अभ्यास पर होने वाले सेमिनार में शामिल हों, जहाँ पर हम शहरी संसाधन केंद्र का विमोचन करेंगे। शहरी संसाधन केंद्र संस्था के इतिहास तथा वर्तमान में प्रस्थापित शहरी सच्चाइयों को समेटे हुए एक जीवंत अभिलेख है।

क्या अपने शहर के समझ से हमें अचम्भित करना है? तो शहर में चल रहे प्रतिस्पर्धाओं जैसे वाद-विवाद, नुक्कड़-नाटक, तथा फ़ोटोग्राफ़ी में भाग लें। हमने हाल ही में नुक्कड़ नाटक के पहले चरण को पूर्ण किया है। इन सभी प्रतिस्पर्धाओं के बारे में निरंतर जानने तथा अपडेट के लिए हमारे सोशल मिडिया हैंडल- फेसबुक, ट्विटर तथा इंस्टाग्राम को फ़ॉलो करें।

शहर में हो रहे युवा सम्बंधी कार्यों को जानना है, और उससे जुड़ने के लिए उत्सुक हैं, हम सब के साथ एक बेहतर शहर के निर्माण में सहयोगी बनना चाहते हैं? युवा सम्मेलन इन सब के विषय में विस्तार से बात रखने के प्रयास में है। हमारे सेमिनार

अंततः नृत्य, संगीत, कविताएँ, तथा धरोहर यात्रा जैसी कई विधाओं के अनुसार वृहद मौलिक संस्कृति का आनंद लिजिए। ‘कॉम्प्लेक्ससिटी’ हमारे बारे में हैं, हमारे शहर के बारे में, शहर के लोगों के बारे में, पनप रही अनगिनत संस्कृतियों के बारे में, उन जगहों के बारे में जहाँ हम रहते हैं, उन असंख्य सपनों और ख़्वाहिशों के बारे में हैं जो हम एक समाज और शहर के रूप में देखते हैं।

तो आप को अच्छा लगा? क्या आप जुड़ना चाहेंगे? कॉम्प्लेक्ससिटी के बारे में अधिक जानकारी लेने और कार्यक्रम हेतु पंजीकृत करने के लिए www.yuvaindia.org/events.

Ankit Jha,

Project Associate, YUVA

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