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बेहतर स्वास्थ्य के लिए गठबंधन

By February 15, 2022July 28th, 2023No Comments

स्वास्थ्य संबंधित सुविधाओं को लोगों तक पहुंचाने के लिए संस्थाओं का आपस में गठबंधन

I. महिलाओं का स्वास्थ्य और आरोग्य शिबिर की जरुरत…

तुर्भे सेंटर, नवी मुंबई

जिस जुग्गी बस्ती में युवा के अर्बन रिसोर्स सेंटर (तुर्भे) का काम चलता है, वह बस्ती असंघटित कामगारों की बस्ती है| यहाँ रहनेवाले अधिकतर लोग कंपनी में हेल्पर, कंस्ट्रक्शन कामगार, ड्राइवर, फेरीवाले, आदि समूह से आते है| इसी बस्ती के एक भाग में सेक्स वर्कर महिला भी रहती है और वही से वो अपना काम भी करती है| उस बस्ती में एक संस्था है जो उस विभाग की फीमेल सेक्स वर्कर्स के साथ उनकी हेल्थ और आरोग्य जागरूकता पर काम करती है| संस्था के रिसर्च और आउटरीच डेटा के मुताबिक इस बस्ती में ‘होम बेस सेक्स वर्कर्स’, जो फॅमिली के साथ रहती है और काम के लिए घर से बाहर सेक्स वर्क करती है ऐसी महिलाओं की संख्या ज्यादा है| बस्ती में साधारण तौर पर महिला स्वास्थ्य को देखते हुए आरोग्य सुविधा का अभाव दिखाई देता है| सरकारी हेल्थ पोस्ट भी बस्ती से कुछ दूरी पर है| अगर सेक्स वर्कर महिलाए या अन्य महिलाए भी अगर हेल्थ चेक अप करना चाहती है तो उन्हें हॉस्पिटल जाना भी काफी दूर पड़ता है| जिस तरह से हमारा समाज बना है उसकी वजह से कही बार महिलों के स्वास्थ्य और स्वास्थ्य संबंधित जरूरतों को दोहरा स्थान दिया जाता है| इस बस्ती में भी कुछ इसी तरह का चित्र दिखाई देता है, जिसमे कही बार महिलाए खुद अपने स्वास्थ्य और उस से संबंधित जरूरतों को नजर अंदाज कराती है|

बस्ती की महिलाओं के स्वास्थ्य से जुडी इन जरूरतों को ध्यान में रखते हुए तुर्भे,अर्बन रिसोर्स सेंटर ने तुर्भे स्टोअर इस कम्युनिटी में स्त्री आरोग्य जनजागृती और चिकित्सा शिबिर का आयोजन किया | यह आरोग्य शिबिर आयोजित करते वक्त तुर्भे सेंटर ने फैमिली प्लानिंग एसोसिएशन इंडिया इस संस्था से गटबंधन किया| फैमिली प्लानिंग एसोसिएशन इंडिया यह संस्था महिला और बालकों की आरोग्य पर काम करती है| यह संस्था भारत के १८ राज्य में काम करती है और संस्था का अधिकतर काम महिला स्वास्थ्य से जुडा होता है| इसलिए तुर्भे URC ने स्त्री आरोग्य चिकित्सा शिबिर का आयोजन फैमिली प्लानिंग एसोसिएशन इंडिया की सहयोग से किया| इस गटबंधन की एक सबसे बड़ी वजह ये भी थी की जिस बस्ती में URC का काम चलता है उसी के एक विभाग में महिला सेक्स वर्कर्स रहती है और अपना काम भी करती है| इन महिलों के काम की वजह से उनके स्वास्थ्य पर कुछ विशिष्ट परिणाम भी होते है| उन परिणामों को समय चलते अगर जांचा नहीं गया तो उनके स्वास्थ्य पर उसका गंभीर असर भी हो सकता है| इसलिए महिलों में इन परिणामों के बारे में चर्चा हो, उन्हें सही जानकारी मिले और समय चलते वो अपनी जांच कराये इस विचार से फॅमिली प्लानिंग एसोसिएशन के एक्सपर्ट की सहायता से इस शिबिर का योजन किया गया|

महिलों के स्वास्थ्य से जुडा ये शिबिर काफी संवेदनशील तरीके से आयोजित करना जरुरी था| महिलाओं में गलत जानकारी जाकर उनमे डर का माहोल तैयार न हो इसका ध्यान रखना भी जरुरी था| इसलिए URC टीम ने इस शिबिर के लिए महिलाओं का मोबिलाइजेशन काफी संवेदनशील तरीके से किया| मोबिलाइजेशन से पहले फॅमिली प्लानिंग एसोसिएशन की टीम से योग्य जानकारी हासिल की, मोबिलाइजेशन किस तरह से किया जाना चाहिए इसपर जानकारी ली और फिर महिलाओं से बात करना शुरू किया |

इस तरह फैमिली प्लानिंग एसोसिएशन इंडिया की सहयोग से १२ नवंबर २०२१ तुर्भे बस्ती में इस शिबिर का आयोजन किया गया| इस शिबिर में महिला गर्भाशय चिकिस्ता, ब्रैस्ट कैंसर स्क्रीनिंग, एनीमिया, STI और RTI इन सभी की जांच की गयी| ये सभी जाँच करने से पहले फॅमिली प्लानिंग एसोसिएशन इंडिया के टीम द्वारा सभी सहभागियों से सहमती ली गयी| शिबिर आगे बढाने से पहले फॅमिली प्लानिंग एसोसिएशन इंडिया की मेडिकल डॉक्टर और सीनियर हेल्थ वर्कर ने एक जागरूकता सत्र लिया| इस जागरूकता सत्र में उन्होंने महिला स्वास्थ्य का महत्व बताते हुए शिबिर में होने वाली चिकित्सा की जानकारी दी| ये जानकारी देते वक्त उन्होंने कुछ मुद्दों के आधार लिए था जैसे :

गर्भाशय क्या होता है? गर्भाशय चिकित्सा का मतलब क्या है ? गर्भाशय चिकित्सा किसे कहते है? गर्भाशय कैंसर क्या होता है? गर्भाशय कैंसर कैसे होता है? गर्भाशय कैंसर को कैसे रोका जा सकता है?

ब्रैस्ट कैंसर मतलब क्या? ब्रैस्ट कैंसर सेल्फ टेस्ट और ब्रेस्ट कैंसर टेस्ट कैसे कर सकते है?

इन सभी मुद्दों पर महिलाओं के साथ चर्चा करते हुए यह जागरूकता सत्र लिया गया| इस जागरूकता सत्र की वजह से महिलाओं को शिबिर में होने वाली चिकित्सा और उसके महत्त्व को समझने में मदद मिली|

हर महिला ने अपनी उम्र के ३० साल बाद गर्भाशय चिकित्सा करना महत्वपूर्ण रहता है| अगर यौन संबंध में मल्टीपल पार्टनर के साथ सक्रिय हो तो यह चिकित्सा और भी महत्वपूर्ण रहती है| महिला जब अपने स्वास्थ्य पर ध्यान नहीं देते तो वह छोटी सी बीमारी आगे जाकर शायद एक बडी बीमारी बन सकती है| इसलिए समय पर आरोग्य चिकित्सा और हेल्थ का ख्याल रखना इम्पोर्टेन्ट होता है| इस प्रकार की जानकारी के साथ बहुतही संवेदनशील पद्धति से यह आरोग्य शिबिर शुरू किया गया| जागरूकता सत्र में जो जानकारी दी जा रही है उसकी वजह से महिलाओं में डर का माहोल न बने और उन्हें किसी भी तरह के मानसिक तनाव ना महसूस हो इस बात का पूरा ध्यान रखने की कोशिश की गयी|

जागरूकता सत्र के बाद सहभागी महिलाओं के आरोग्य चेकअप किये गए| यह चेक अप करते वक्त फॅमिली प्लानिंग एसोसिएशन इंडिया का हेल्थ चेक उप कार्ड भी बनाया गया| अगर महिलाओं को सेकंड फॉलोअप के लिए जाना पडा, तो यह हेल्थ कार्ड साथ लेकर जाना जरूरी होता है| आरोग्य चेक अप करते वक्त काफी संवेदनशील तरीकेसे टेस्टिंग और कंसल्टेशन किया गया| टेस्टिंग और कंसल्टेशन करते वक्त गोपनीयता का ध्यान भी रखा जा रहा था| महिलों के कंसल्टेशन करते वक्त FPAI के डॉक्टर ने जो महिला गर्भाशय कैंसर चिकित्सा में प्राइमरी बेस पर डिटेक्ट हुए है ऐसे महिलओंका समुपदेशन भी किया| सहभागी महिला की हेल्थ नीड को देखते हुए डॉक्टर ने कुछ दवाइयां भी दी| यह दवाइयां महिलाओं को फ्री में दी गयी| दवाइयों के साथ सभी सहभागी महिला को contraceptive (गर्भनिरोधक) भी दिए गए| जिन महिलाओं को सेकंड फॉलो अप लेना जरूरी है ऐसी महिला को डॉक्टर ने तिलक नगर के हॉस्पिटल बुलाया है| तिलक नगर के FPAI के हॉस्पिटल में महिलाओं का उपचार फ्री में और कुछ केसेस में कम पैसों में किया जाएगा| गर्भाशय कैंसर चिकित्सा में positive आई महिला का ट्रीटमेंट FPAI के हॉस्पिटल में उनकी मदद से होने वाला है|

जीन महिलाओंका रिपोर्ट positive है ऐसी महिलाओं को समुपदेशन और आगे के उपचार के बारे में बताया जाने वाला है| ऐसा करते हुए गोपनीयता और उनके मानसिक परिस्थिति का ख़ास ध्यान रखा जायेगा|

समाज में ज्यादातर यह पाया जाता है की बस्तियों में लोग अपने स्वास्थ्य संबंधित चीजों को लेकर ज्यादा गंभीर नहीं होते, जिसकी एक वजह हॉस्पिटल, चेक उप, दवाईया इसने जुड़े खर्चे भी है और कुछ हद तक सरकारी सेवाओं को लोगो तक ना पहुचाना भी है| ऐसी परिस्थिति में भी घर में महिलाओं के स्वास्थ्य को सबसे ज्यादा दुर्लक्षित किया जाता है या हमारा समाज जिस तरीके से बना है उसकी वजह से महिलाओं के शाररिक विकारों से जुडी बिमारियों के बारे में बहुत कम ही बात की जाती है| सही समय पर उसकी जाँच न होने की वजह से उन्हें आगे जाकर और भी मुश्किलों का सामना करना पड़ता है| इस दुर्लक्षित आरोग्य परिस्थिति को समाज के साथ कुछ हद तक महिलाए भी जिम्मेदार होती है, क्योंकि वो पाने स्वास्थ्य संबंधित जरूरतों को प्राथमिकता नहीं दे पाती| ऐसी परिस्थिति में, ऐसी ही एक बस्ती में अर्बन रिसोर्स सेंटर द्वारा बस्ती की महिलाओं के लिए शिबिर का आयोजन किया गया| इस शिबिर में URC का फोकस पूरी तरह महिला आरोग्य और उसमे भी सेक्स वर्क से जुडी महिलों के स्वास्थ्य पर रहा| शिबिर विषय काफी संवेदनशील था और जिस समूह के साथ इस शिबिर का आयोजन किया गया वह समूह भी काफी सुविधाओं से वंचित रहा है| ऐसी परिस्थति में विषय और समूह को संवेदनशील तरीके से संभालने से टीम ने बहुत कुछ सीखा|

Sukanya

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II. Need for women’s health and wellness camp

Turbhe centre, Navi Mumbai

The informal settlement in which the Turbhe Urban Resource Center (URC) of YUVA operates, is primarily inhabited by informal workers. Most of the people living here work as helpers in companies, as construction workers, drivers, street vendors and so on. Some female sex workers also live in and work from a part of this colony.

The colony lacks health facilities and the nearest government health post is also located at some distance. If the women want to do a health check up, they have to go to the hospital, which is too far. For all these reasons, women’s health needs here are often neglected.

We organised a Women’s Health and Wellness Camp in Turbhe Store, tying up with Family Planning Association India (FPAI). FPAI works on the health of women and children in 18 states of India and most of their efforts are related to women’s health. Through this health camp, we wanted to reach women sex workers and help them access checkups. Due to their nature of work, women’s health often faces risks. If not addressed in a timely manner, they could face serious repercussions. Therefore, this camp was organised with the help of experts of FPAI with the idea that these women should discuss about their problems, get the right information and undergo the necessary check ups as soon as possible.

It was necessary to organise this camp in a very sensitive manner. It was also important to take care that the women do not enter an atmosphere of fear and panic by gathering wrong information. Hence, the URC team did the mobilisation of women for this camp in a very careful manner. Before this, they got proper information from the team at FPAI on how mobilisation should be done and then started talking to the women.

In this way, the camp was organised on 12 November 2021 in Turbhe colony in collaboration with FPAI. In this camp, female hysterectomy, breast cancer screening, anaemia, STI and RTI were all investigated. Before doing all these check-ups, the consent of all the participants was obtained by the team. Further, an awareness session was conducted by a doctor and senior health worker of FPAI. In this awareness session, they explained the importance of female health and informed about the medical treatment in the camp. While giving this information, some of issues which were covered were –

What is meant by hysterectomy? What is uterine cancer? How does uterine cancer occur? How can uterine cancer be prevented?

What does breast cancer mean? Why is there an increasing risk of breast cancer in India? How to do breast cancer self test and breast cancer test?

The awareness session was completed while discussing all these issues with the women. This also helped them to understand the ensuing check ups in the camp and their importance.

It is beneficial for every woman to do a hysterectomy after 30 years of age. This procedure is even more important if she is in an active sexual relationship with multiple partners. When women do not pay attention to their health, then even small issues may become big problems. Therefore, it is important to take care of our health. With the information being disseminated in the awareness session, every effort was made to ensure that the women do not get scared or feel any kind of mental stress.

After the awareness session, the health check-up of the participating women was done. While doing this, the FPAI health check up card was also issued. If the women need to go for a follow up, then it is necessary to carry this health card with them. Testing and consultation was done in a very sensitive manner. Confidentiality was also being taken care of while doing this. While consulting the women, the doctor also counselled those who had been detected with uterine cancer on a primary basis. In view of the health needs of the participating woman, the doctor also prescribed some medicines. These medicines were given free of cost. Along with the medicines, all the participants were also given contraceptives. Those who needed follow up appointments, were called by the doctor to a hospital in Tilak Nagar. This treatment in Tilak Nagar’s FPAI hospital would be done for free and in some cases for a subsidised amount. The women who tested positive for uterine cancer would also be treated there. Such women were told about the counselling and further treatment, with special care taken for their privacy and mental condition.

People in marginalised colonies are often unable to take adequate care of their health. One of the reasons for this is expenses associated with hospitals, check ups, and medicines and also to some extent the government services are not reaching these people. In such circumstances, women’s health is most neglected at home and because of societal norms there is often low awareness about physical disorders of women. Due to absence of timely check ups, they have to face more difficulties in future. Therefore this health camp played a critical role in focusing on women’s health and also the health of women associated with sex work. The team also learnt a lot from this engagement.

Translated by Manisha Swain

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