टुगेदर वी कैन: स्प्रेड लव, नॉट कोरोना और संबंधित प्रयास COVID-19 के दौरान
भारत में COVID-19 से पीड़ितों की संख्या अब 14,000 से अधिक हो गई है, और स्थिति हर दिन के साथ अधिक तनावपूर्ण होती जा रही है, जिसके कारण देशव्यापी तालाबंदी 3 मई 2020 तक बढ़ा दिया गया है। देश के भीतर, महाराष्ट्र में 3,000 से अधिक की संख्या सबसे अधिक मामलें हैं।
मुंबई महानगर क्षेत्र में हमारे राहत प्रयासों को शुरू हुए एक महीना हो गया है। हम क्या कर पाए हैं, इसे समझने के लिए, कृपया #1, #2, #3, #4, #6, #7, #8 की जाँच करें। यह ब्लॉग पिछले सप्ताह में हमारे प्रयासों का एक सार प्रस्तुत करता है।
राहत कार्य के चौथे सप्ताह पर एक नज़र
● हमारे आपातकालीन राहत कार्य की पहुँच अब क़रीब 9052 परिवारों (45,260 लोगों) तक हो चुकी है और इसके साथ हम लगातार असहाय समुदायों को मासिक राशन पहुँचाने का प्रयास कर रहे हैं। इस सप्ताह हम पड़ोसी शहर वसई व उल्हासनगर में पहुँचने में सफल रहे हैं।
● ब्लू सी कैटरिंग और बैंक्वेट्स के साथ साझेदारी में हम मुंबई महानगर क्षेत्र के विभिन्न हिस्सों में 2,00,000 से भी अधिक पका हुआ भोजन उपलब्ध कराने में सक्षम रहे हैं! मुंबई पुलिस बल और सरकारी अस्पतालों में कर्मचारियों को 1,00,000 से अधिक संख्या में भोजन प्रदान किया गया है, और बाक़ी 1,00,000 भोजन नवी मुंबई में निर्माण स्थलों पर रहने वाले प्रवासी श्रमिकों और उनके परिवारों को, वडाला में प्रवासी श्रमिकों को, और भिवंडी (ठाणे) में फंसे हुए पावरलूम श्रमिकों को प्रदान किया गया है। भिवंडी में ये पहल यूथ फीड इंडिया के अनीश गवांडे और स्थानीय पावरलूम संघर्ष समिति के सहयोग से किया जा रहा है।
● हमें मुंबई महानगर क्षेत्र (एमएमआर) के विभिन्न हिस्सों में फंसे प्रवासी श्रमिकों के असंख्य कॉल आए हैं। पिछले ढाई सप्ताह में, हमें 700से भी अधिक कॉल मिली हैं। हम अब तक 100 अनुरोधों को या तो सीधे या सहायक नेटवर्क जो मदद कर सकते हैं, की सहायता से पूरा करने में सक्षम हुए हैं। हम यह सुनिश्चित करने की प्रक्रिया में हैं कि दूसरों को भी समर्थन मिल सके। यह काम अब काफ़ी चुनौतीपूर्ण हो गया है क्योंकि प्रवासियों के फ़ोन पूरे एमएमआर से आ रहे हैं, लेकिन अब कई सारे जो राहत की आपूर्ति कर रहे थे, वे अब ऐसा नहीं कर रहे हैं और कई सरकारी हेल्पलाइन नंबर भी लोगों को जरूरत में मदद करने के लिए सक्षम नहीं हो पा रहे हैं।
● हमारे अन्य शहरों की टीम भी स्थानीय सहायक नेट्वर्क के साथ राहत कार्य में लगे हुए हैं।
1. नासिक में, YUVA टीम और अनुभव शिक्षा केंद्र के सदस्य विभिन्न क्षेत्रों में कमजोर परिवारों को भोजन वितरित कर रहे हैं। अहमदनगर जिले के महलवाड़ी के कई प्रवासी श्रमिक काम की तलाश में गर्मियों के महीनों में शहर की ओर पलायन करते हैं। COVID-19 संकट को देखते हुए, वे नौकरियों से वंचित हैं। इस क्षेत्र में 20 घरों को राशन उपलब्ध कराया गया था। कोल्हापुर शहर में, 200 नागरिकों को भोजन प्रदान किया गया, जिसमें पुलिसकर्मी, अखबार विक्रेता और अन्य लोग शामिल थे।
2. नागपुर में, युवा और शहर विकास मंच दो समुदायों — सुमेध नगर और बाड़ा इंदौरा में कितने व्यक्तियों के पास उनके राशन कार्ड नहीं है, इसकी सूची तैयार करने और राशन कार्यालय में प्रस्तुत करने में को सहयोग कर रहे हैं। कलेक्टर के कार्यालय ने सूचित किया है कि वे इन विवरणों का उपयोग इन परिवारों के लिए राशन की सुविधा के लिए करेंगे। हम नागपुर में राशन की दुकानों पर देखरेख करने में भी सहयोग कर रहे हैं।
3. दिल्ली में, हम क़रीब 180 स्ट्रीट वेंडरों से उनकी जरूरतों और मांगों को समेकित करने के लिए सर्वेक्षण करने में सफल रहे हैं और इस जानकारी का उपयोग हम उनके लिए बेहतर जीविका के विकल्प और सुविधाओं की उपयुक्तता के लिए करने वाले हैं।
4. गुवाहाटी में, हम पतदिक नारी समाज (एक महिला सामूहिक) और एसपीयू कर्मियों, असम पुलिस के नेतृत्व में किए जा रहे भोजन वितरण अभियान का समर्थन कर रहे हैं। अब तक क़रीब 1,500 घरों में राशन पहुँचाने के रूप एमिन राहत के प्रयास हो चुके हैं, और इस सप्ताह तक पहुंचने वाले कुछ क्षेत्रों में नोबाज्योति नगर, दखिन गाँव, शलाबारी और नूनमाटी में भवानीपुर शामिल हैं।
5. पिछले सप्ताह हमें चाइल्डलाइन इंडिया फाउंडेशन के भाग के रूप में संकट में फंसे बच्चों के लिए 1098 आपातकालीन हेल्पलाइन पर COVID-19 संकट से संबंधित समर्थन के लिए भी कॉल प्राप्त हुए हैं। उदाहरण के लिए, एक मामले में एक माँ को अपने नवजात शिशु तक पहुंचने में मुश्किल हो रही थी, जो तालाबंदी के समय दादा-दादी के पास था। हम अपेक्षित अनुमति के कारण परिवार को सुरक्षित रूप से एकजुट करने में सफल रहें। हमें हाशिए के समुदायों में बच्चों की पोषण की आवश्यकता से संबंधित कॉल भी प्राप्त हो रहे हैं और उन्हें हमारे सहयोगियों से जोड़ने की कोशिश की जा रही है।
अन्य परिस्थितियों में असहाय होना
हमारे राहत प्रयासों का एक बड़ा हिस्सा विभिन्न प्रकार के समुदायों (अनौपचारिक बस्तियों, बेघर, प्रवासी श्रमिकों) का सहयोग करने पर केंद्रित है। हालाँकि, हमें ध्यान है कि विभिन्न परिस्थितियों में रह रहे लोगों और उनकी परेशानियों को पूरी तरह से समझते हुए हम जितनी सहायता कर सके। यह नीचे दिए गए तीन मामलों में बेहतर तरीके से उजागर किया गया है, जहां हम विभिन्न परिस्थितियों में लोगों को सहायता प्रदान करने में सक्षम थे।
जब हमने इंडिया टुडे के एक समाचार लेख के माध्यम से सुना कि मुंबई का प्रसिद्ध रेम्बो सर्कस एरोली, नवी मुंबई में फंसा हुआ था, और क़रीब 90 सर्कस कलाकार (5 बच्चे सहित) और 21 जानवरों के पास भोजन की व्यवस्था तेजी से ख़त्म होता चला जा रहा था, हम उनकी जरूरतों को समझने के लिए पहुंच गए और राशन, पशु भोजन और सेनेटरी आदि की आपूर्ति करने में सक्षम रहे।
युवा का आपातकालीन राहत प्रयास अब मलाड के दया विहार अनाथालय में रहने वाले बच्चों के लिए भी पहुंच चुका है। हम उन्हें राशन प्रदान करने में सफल रहे हैं और बच्चों को एक साथ भोजन का आनंद लेते हुए देखना दिल से बहुत खुशी की बात रही है।
ट्रांसजेंडर समूह जो दैनिक मजदूरी पर निर्भर हैं, उन्हें भी भोजन और चिकित्सा आपूर्ति की कमी का सामना करना पड़ रहा है। वसई में एक साथी नेटवर्क के सहयोग से हम 52 व्यक्तियों को किराने का सामान उपलब्ध कराने में सक्षम थे।
असहाय होना कई रूपों में हो सकता है और हम उन्हें पूरा करने के लिए अपनी राहत की प्रक्रिया को भी विकसित करने की कोशिश कर रहे हैं।
संदेश को आगे बढ़ाना !
इस हफ्ते हमने लोगों की दिक़्क़तों और भोजन तक उनकी पहुंच में आने वाली परेशानियों को लेकर एक साथ लाने के लिए एक वीडियो चैलेंज शुरू किया। हम आशा करते हैं कि आप इस चैलेंज में भाग लेंगे और बातचीत को आगे बढ़ाने में हमारी मदद करेंगे, ताकि #TogetherWeCan अधिक जागरूकता फैलाने और और मज़दूर वर्ग के लिए अधिक सहयोग के उपायों को सुनिश्चित कर सके।
इस हेतु हमारे फ़ंडरेजिंग की पहल Milaap m-lp.co/yuva1 और Ketto https://bit.ly/SpreadLoveNotCorona पर जारी है और हम अभी उपर्युक्त आपातकालीन राहत पहलों के द्वारा इस सहयोग का उपयोग करते रहेंगे। हम सरकार के साथ नगरपालिका, राज्य और केंद्रीय स्तर पर वकालत के प्रयासों को भी जारी रख रहे हैं, ताकि कमजोर समूहों के बेहतर कल्याण और सुरक्षा की मांग की जा सके।
अभी हम ऊपर दिए गये राहत के प्रयासों को भी जारी रख रहे हैं, क्योंकि ज्यादातर सरकार द्वारा शुरू किए गये पहल अभी भी चरणों में ही चल रही हैं और बहुत से लोग अभी भी इनके अंतर्गत नहीं आते हैं, और उनकी समस्या बनी हुई हैं।
आभार के कुछ शब्द
हमारे निरंतर आपातकालीन राहत और संबद्ध प्रयासों को कई भागीदारों, शुभचिंतकों, नेटवर्क, संगठनों, प्रशासनिक अधिकारियों (MCGM, NMMC, नागरिक सुरक्षा विभाग, महाराष्ट्र) और अनगिनत अन्य के समर्थन से संभव किया गया है। हम उनमें से हर एक को धन्यवाद देना चाहते हैं, और साथ ही हमारे सभी वॉलुंटीर जो राहत कार्यों के हर चरण आपूर्ति प्रबंधन से वितरण तक में अपना सहयोग देते रहे हैं, उन्हें भी धन्यवाद। हम अपने प्रयासों को आगे बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध हैं।
अंकित झा द्वारा अंग्रेजी से अनुवादित