किसी संस्था को 38 साल पुरा हॊना ये बहोत ही महत्वपुर्ण और ऐतिहासिक बात है। युवा — युथ फॉर युनिटी अँड वॊलिंटरी एक्शन इस सामाजिक संस्था की शुरुवात 30 अगस्त 1984 मे जोगेश्वरी की एक बस्ती से हुई और आज युवा भारत के पाच राज्य मे कार्यरत है । युवा के 38 वे वर्धापन दिन को मद्वेनजर रखते हुए इस साल ‘ मै भी युवा’ इस अभियान को मनाया गया। ये अभियान जहा भी युवा काम करती है वहा पर चलाया गया। इस अभियान मे बच्चे, युवा, महिलाए, बस्ती के लिडर्स, नाका मजदूर, घरेलू कामगार, फेरीवाले इतके साथ साथ इस अभियान मे व्यवस्था और यंत्रणा ओ के भी कुछ लोग जुडे।
‘मै भी युवा’ ये अभियान, युवा संस्था जिन लोगो के साथ जुडा है उन्हे युवा के बारे मे क्या लगता है, युवा के होने की वजह से उनके जिंदगी मे क्या बदलाव आये है , युवा के प्रति उनके दिल मे क्या भावनाए है उसे व्यक्त करने के लिये एक प्रभावी माध्यम रहा है। इस अभियान मे महानगरपालिका के अधिकारी, पोस्ट ऑफिस के अधिकारी, रेशन के अधिकारी, पोलीस अधिकारी, बाल संरक्षण समिती के अध्यक्ष ईन्होने भी सहभाग लेकर युवा संस्था के प्रति अपनी भावना व्यक्त की। बस्तीयो मे भी किसी ने युवा संस्था के साथ जुडने से उनके जिंदगी मे क्या बदलाव आये है वो बात रखी तो किसीं ने युवा संस्था के काम को लेकर बात रखी तो एक बस्ती के बाल साथी ने “मै भी युवा हु, यही मेरी पेहचान है” ये रॅप गाकर अपने जजबात को बया किया है। मै भी युवा ये अभियान दर्शाता है की युवा का बस्ती के लोगो के साथ जमिनीस्तर का रिशता कितना मजबूत और गेहरा है।
मै भी युवा अभियान के तेहत ‘खेलेंगे सिखेंगे बदलेंगे’ इस संकल्पना के अंतर्गत युवा साथीयो के लिये खेल दिन मनाया गया, जहा युवा के बहोत सारे साथीयो ने बढचढकर हिस्सा लिया, इन सभी खेलो मे हमारे महिला साथीयो का सहभाग भी बहोत ही महत्वपूर्ण रहा। ये खेल दिन ने हमारा हौसला बढाया और एक नयी ऊर्जा हमे दी।
पिछले 38 सालो से सामाजिक परिवर्तन के लिये निरंतर कटिबद्ध रहनेवाली युवा इसी तरह आगे बढती रहेगी ये विश्वास ‘मै भी युवा’ के अभियान मे लोगो ने जताया । युवा हमेशा संघर्ष जे साथ आगे बढी है और आगे बढती रहेगी।
चाहते है ऐसा एक जहाँ।
सन्मान और सुरक्षा हो वहाँ
जोर जुल्म का न हो निशा
अमन से रहे सारा जहाँ
ऐसा ही सफर है युवा का
आशाओं के साथ बेहतर
कल के लिए …
जिंदाबाद!