हमेशा की तरह नाटक को लेकर हमारे बाल अधिकार संघर्ष संघटन की मिटिंग हुई, उस में थिएटर वर्कशॉप को लेकर चर्चा हुई. मिटिंग में ये तय हुवा की थिएटर वर्कशॉप करेंगे और ये बात हमने युवा संस्था को बताई, उन्होंने हमारे लिए ३ दिन के थिएटर वर्कशॉप का नियोजन किया और हम उसमे शामिल हुए. इस वर्कशॉप में हम सभी बाल प्रतिनिधियों ने बच्चो से सबंधित महत्वपूर्ण मुद्दों को चुना और उसी आधारपर चर्चा करने के बाद, बच्चो के मुद्दों को सरक्षण देनेवाली यंत्रणा बाल सरक्षण समिती की जानकारी निकाली और हम ने तय किया की सीपीसी याने की बाल सरक्षण समिती के जनजागृती को लेकर नुक्कड़ नाटक करेंगे. युवा के साथी प्रकाश इन्होने बाल सरक्षण समिती के महाराष्ट्र शासन के २०१४ के जीआर के बारे में जानकारी दी. इसी मुद्दे को लेकर हम सभी ने फिर सीपीसी (CPC) क्या है ? इस नुक्कड़ नाटक को तयार किया.
ये जो चाईल्ड प्रोटेक्शन कमिटी (CPC) है वो सरकार के जीआर के अनुसार बनाना बहोत जरुरी है, पर लोग इस बारे में जानते नहीं है, बस्ती के लोगो के जानकारी होने के लिए हमने ये नुक्कड़ नाटक बस्ती में हर जगह करने का निर्णय लिया और बस्ती में हमने हर नुक्कड़ पर, चोराहे पर सीपीसी क्या है इस नुक्कड़ नाटक को पेश करने लगे, लोगो को जागृत करने लगे, इसी के साथ बाल अधिकार संघर्ष संघटन का गुट एम्-पूर्व विभाग के लगभग सभी नगरसेवक / नगरसेविका इनसे मिलकर इस समिती के बारे में बात करने लगे, उन्हें लेटर और शासन के जीआर की कॉपी देकर उन्हें ये आवाहन किया की वो जल्द से जल्द सीपीसी का गठन करने के लिए पेहल करे. अलग अलग कार्यक्रम में हमने इस नुक्कड़ नाटक को पेश किया, लोग हमसे बात करने लगे, हमसे जानकारी लेने लगे.
बाल अधिकार सप्ताह २०१८ में १४ नवंबर को हमने दादर स्टेशन पर जो मानवी शृंखला का कार्यक्रम हूवा था उस कार्यक्रम में भी हमने सीपीसी क्या है इस नाटक को पेश किया जो वहा उपस्थित काफो सारे लोगो को पसंद आया. वही पर कुछ संस्था ओ ने हमें ये नाटक उनके बस्ती आकर पेश करने की गुजारिश की, और हमने इस नुक्कड़ नाटक को मुंबई और नवी मुंबई के काफी सारी बस्तियों में और TISS में भी पेश किया. कुछ नगरसेवक और नगरसेविका ने इस नाटक को देखकर हम अपने विभाग में सीपीसी स्थापित करने के लिए जरुर प्रयास करेंगे ये आश्वासन दिया.
हम जिस बस्ती में रेहते है वहा सीपीसी का गठन हो इसलिए हमने आंगनवाडी सुपवाईझर के साथ मुलाकात की, उन्हें सीपीसी के गठन को लेकर लेटर दिया, महाराष्ट्र शासन के १० जुन २०१४ के जीआर की कॉपी दी और जल्द से जल्द सीपीसी का गठन के लिए मिटिंग बुलाये ये उन्हें आवाहन किया, उन्होंने जीआर के अनुसार ११ लोगो की इस कमिटी के सदस्य का चुनाव करने की प्रक्रिया चलाई, बाल अधिकार संघर्ष संघटन की और से इस कमिटी में बाल प्रतिनिधी सदस्य के तौर पर बाल अधिकार संघर्ष संघटन के बाल प्रतिनिधियों को चुना जाए ये बात हमने उनके सामने रखी, बल अधिकार संघर्ष संघटन के काम को लेकर जानकारी दी.
इसके बाद दो वार्ड के नगरसेवक और नगरसेविका इनसे बात करके आंगनवाडी सुपरवाइजर ने सीपीसी गठन की बैठक बुलाई, जिसमे बाल प्रतिनिधियों के तौर पर बाल अधिकार संघर्ष संघटन के ४ बाल प्रतिनिधियों को आमंत्रित किया गया. वार्ड क्रमांक १४१ में नगरसेवक इनके अध्यक्षता में ११ लोगो की कमिटी और वार्ड क्रमांक १४२ इस विभाग में वहा की नगरसेविका इनके अध्यक्षता में ११ लोगो की कमिटी का गठन हो गया. इन दोनों जगह पर युवा साथी विजय खरात इन्होने सीपीसी क्या है, उसकी रचना कैसी है, इस कमिटी की जिम्मेदारिया और भूमिका क्या होगी, किन किन मुद्दों पर ये समिती काम करेगी इस बारे में जानकारी दी, आंगनवाडी सुपरवाइजर इन्होने सभी के अनुमोदन से बाल सरक्षण समिती गठित हुई ये जाहिर किया. इस दो कमिटी में बाल प्रतिनिधी सदस्य के तौर पर बाल अधिकार संघर्ष संघटन के ४ बाल प्रतिनिधी का चयन हुआ जिसमे मेरा नाम भी है. मै वार्ड क्रमांक १४१ के बाल सरक्षण समिती में बाल प्रतिनिधी सदस्य करके चुनी गयी हु.
बाल सरक्षण समिती में बाल प्रतिनिधी सदस्य कर के मेरा चुना जाना मेरे लिए बहोत ही महत्वपूर्ण और ख़ुशी की बात है, इस समिती के जरिये बच्चो के लिए सुरक्षित माहोल बनाने के लिए ये एक बड़ा मौका है ये सोचकर हमने नियोजन भी करने की चर्चा की शुरुवात की हालाकि ये समिती गठित होकर लगभग ९ महीने हुए है पर अभी भी ये समिती कार्यरत नहीं है, इतने दिनों में इस समिती की एक भी बैठक हुई नहीं. इसी मुद्दे को बाल अधिकार संघर्ष संघटन ने गंभीरता से लेकर जो बाल साथी इस कमिटी में बाल प्रतिनिधी सदस्य के तौर पर चुने गए है, उन्होंने आंगनवाडी सुपरवाइजर को लेटर देकर जल्द से जल्द कमिटी की मिटिंग बुलाने का आवाहन हमने किया है. ये बाल सरक्षण समिती जल्द से जल्द एक्टिव्ह हो इसलिए हम लगातार प्रयास कर रहे है.
मुंबई में हर वार्ड में सीपीसी का गठन होना चाहिए, लोगो ने ये सामिति को लेकर इसलिए नगरसेवक और नगरसेविका को बोलना चाहिए, कब होगी सीपीसी इस बारे में सवाल पूछना चाहिए इस भूमिका को लेकर हम बाल अधिकार संघर्ष संघटन के बाल प्रतिनिधीयो ने मुंबई- नवी मुंबई में जहा जहा हमे मौका मिला वहापर हमने बाल सरक्षण समिती (CPC) क्या है ये नुक्कड़ नाटक पेश किये. बाल अधिकार संघर्ष संघटन का ये धेय्य है की CPC गठित हो और जो CPC गठित हुई है वो जल्द से जल्द एक्टिव्ह हो, कार्यरत हो. बच्चो के सुरक्षा के लिए ये बहोत जरुरी है ऐसा मेरा और बाल अधिकार संघर्ष संघटन का मानना है, इसलिए हम सीपीसी क्या है ये नुक्कड़ नाटक को आनेवाले बाल अधिकार सप्ताह में ज्यादा से ज्यादा लोगो तक लेकर जाने के लिए नियोजन कर रहे है.
चाहते ऐसा एक जहा…सन्मान और सुरक्षा हो वहा….!!!
बाल अधिकार संघर्ष संघटन जिंदाबाद..!!!
समरीन शाह, बाल अधिकार संघर्ष संघटन-कोअर ग्रुप मेंबर और सदस्य बाल सरक्षण समिती वार्ड क्रमांक १४१