YUVA के COVID-19 आपातकालीन राहत और पुनर्वास प्रयासों पर एक अपडेट
हम राष्ट्र्व्यापि तालाबंदी के तीसरे चरण में प्रवेश कर चुके हैं। भारत में कोविड-19 के मामले अब 40,000 पार कर चुके हैं और इन में से क़रीब 13000 तो सिर्फ़ महाराष्ट्र में हैं! 1 मई को मात्र 24 घंटों के अंदर 1000 से अधिक मामले के आने से महामारी के बढ़ने में तेज़ी साफ़ दिख रही है।
हम आपातकालीन राहत और पुनर्वास कार्यों के छः सप्ताह पूरे कर चुके हैं। हम अब तक क्या कर पाए हैं, इसे समझने के लिए, कृपया #1, #2, #3, #4, #5, #6 और #8 को अवश्य देखें। यह ब्लॉग पिछले सप्ताह में किए गये हमारे प्रयासों का एक सार है।
● मुंबई महानगर क्षेत्र (एमएमआर) में हम अब तक 14,337 घरों (71, 685 लोगों) तक राशन पहुँचाने में सफल रहे हैं।
● ब्लू सी कैटरिंग और बैंक्वेट्स के साथ साझेदारी में हम मुंबई महानगर क्षेत्र के विभिन्न हिस्सों में सात लाख से भी अधिक मुंबई पुलिस बल, सरकारी अस्पतालों में कर्मचारियों तथा नवी मुंबई, वडाला और भिवंडी (ठाणे) के प्रवासी मज़दूरों और उनके परिव्वरों को पका हुआ भोजन प्रदान किया गया।
● पिछले कुछ हफ्तों में, हम नालसोपारा (वसई विरार नगर निगम के भीतर एक क्षेत्र) में स्थानीय ऐक्टिविस्ट मकेंजी डाबरे और वहाँ के 18 स्थानीय युवा कार्यकर्ताओं के राहत वितरण के प्रयासों से कई कमजोर व जरूरतमंद परिवारों तक सहयोग पहुँचाने में सक्षम रहे हैं। नालसोपारा भारत के सबसे तेजी से बढ़ते शहरी क्षेत्रों में से एक है। यहां लगभग 10 लाख लोग रहते हैं। फिर भी, अधिकांश कमजोर और जरूरतमंद लोगों के लिए कोई सरकारी रिकॉर्ड मौजूद नहीं है। डाबरे ने कहा कि उनके पास राशन कार्ड नहीं हैं और उनमें से अधिकांश एक जीविका के लिए छोटी नौकरियों में लगे हुए हैं, कोविड-19 ने वास्तव में एक कठिन समस्या खड़ा कर दिया है ‘। टीम सबसे पहले जरूरतमंद लोगों तक सहायता पहुंचाने के लिए उनके पास आने वाली मदद के लिए प्रत्येक कॉल को क्रॉसचेक करतीहै। वे न केवल खाद्यान्न के प्रावधान के माध्यम से स्थानीय आबादी का सहयोग करने में बल्कि इस समय उनकी अन्य महत्वपूर्ण जरूरतों को पूरा करने की कोशिश में भी लगे हुए हैं। उदाहरण के लिए, एक मामले में एक परिवार जिसमें प्रसव के कगार पर एक गर्भवती महिला भी है के यहाँ से यह अनुरोध प्राप्त हुआ कि उसकी गंभीर स्थिति को देखते हुए दूसरे अस्पताल में स्थानांतरित करने की जरूरत थी। टीम ने परिवार को राशन के लिए समर्थन के अलावा, इसे भी सुनिश्चित करने में मदद की, और अब माँ और नवजात शिशु इस समय अच्छे स्वास्थ्य में हैं। एक अन्य मामले में, टीम ने न केवल एक कैंसर रोगी को राशन प्रावधानों का उपयोग करने में मदद की, बल्कि लॉकडाउन अवधि के भीतर उसे दो और डॉक्टर के दौरे को बनाए रखने में मदद की।
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एक अन्य मामले में, नायगाँव (वसई विरार नगर निगम के भीतर एक और क्षेत्र) में एक बड़े निर्माणाधीन परियोजना में 305 प्रवासी श्रमिकों को अचानक तालाबंदी को देखते हुए, बिना वेतन और बिना भोजन के फंसे छोड़ दिया गया। प्रवासी श्रमिकों के अनुबंधित होने के कारण, उनमें से कोई भी भवन और अन्य निर्माण श्रमिक (BOCW) कल्याण बोर्ड के तहत पंजीकृत नहीं हैं या जिनके पास राशन कार्ड हैं। वे साइट पर रहते हैं और काम करते हैं। जब वे मदद की अपील के साथ बाहर निकले, तो डाबरे और उनकी टीम बिल्डर के पास पहुंचने और श्रमिक के लिए राहत की आवश्यकता पर काम करने में सफल रही। बिल्डर ने तब से श्रमिकों को भुगतान किया है और यहां तक कि उनके लिए एक दैनिक सामुदायिक रसोईघर भी स्थापित किया है जो आज तक चालू है।
● इस सप्ताह हम ठाणे जिले के अम्बरनाथ और टिटवाला के कई जरूरतमंद परिवारों तक पहुँचे। यहाँ के परिवारों के अधिकांश सदस्य लोकल ट्रेन में गाकर, भीख माँगकर, निर्माण उद्योग में छोटे-मोटे कार्य करके, कचरा प्रबंधन, सिलाई आदि के कार्य करके अपनी जीविका चला पाते हैं। कई परिवारों के पास तो गैस कनेक्शन भी नहीं है, वो अभी भी खाना बनाने के लिए स्टोव का उपयोग करते हैं। ये इलाक़े काफ़ी अंदर हैं और यहाँ पहुँचना भी मुश्किल होता है। किसी भी परिवार को अब तक सरकार से कोई मदद नहीं मिल पायी है और इनमें से अधिकांश के पास राशन कार्ड भी नहीं है। हम कुछ ही परिवारों की पहचान कर उन तक पहुँच पाए जब कि बहुत ही अधिक संख्या में परिवार इससे अछूते रह गये हैं।
● इस सप्ताह हमने कोटक एजुकेशन फ़ाउंडेशन के साथ साझेदारी कर पवई के मिलिंद विद्यालय में 860 राहत पैकिज पहुँचाने में सफल रहें। ये सचूल जरूरतमंद विद्यार्थियों तक ये पैकिज पहुँचा रही है।
● हम लोगों को एम एम आर के विभिन्न क्षेत्रों में फंसे प्रवासी श्रमिकों के कुल 887 कॉल प्राप्त हुए हैं। हम इनमें से 193 अनुरोधों को प्रत्यक्ष या किसी अन्य साथी संस्था के साथ मिलकर पूरा करने में सफल रहे हैं। इन अनुरोधों के फैलाव के कारण ये कार्य करना अपने आप में बहुत बड़ी चुनौती है और साथ में कई अन्य सामाजिक संस्थाओं और सरकारी साझेदारों को भी यह कार्य करने में मुश्किल आ रही है। लेकिन इस समय हम जितना सम्भव हो सके उतना करने का प्रयास कर रहे हैं और इस कार्य के लिए हम प्रतिबद्ध हैं।
● अन्य शहरों में हमारी टीम स्थानीय राहत प्रयासों को भी आगे बढ़ा रही है, मुख्यतः अन्य स्थानीय सहयोगियों का समर्थन करके। नासिक और अकोला में, YUVA टीम और युवा समूह अनुभव शिक्षा केंद्र के सदस्य विभिन्न क्षेत्रों में कमजोर व जरूरतमंद परिवारों को राशन और भोजन वितरित कर रहे हैं। वे विधवा, विकलांग, खानाबदोश निराश्रित परिवार, आदि जैसे सबसे कमजोर परिवारों तक पहुंचने की कोशिश कर रहे हैं।
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● हमने आइआइटी बॉम्बे के छात्रों व शिक्षकों के साथ भागीदारी में एम एम आर के सभी इलाक़ों जहाँ पर हमने अपने राहत कार्य किया है उनकी जीआईएस मैपिंग की है ताकि हम स्थानों के अनुसार अब तक के अपने राहत कार्य को दर्शा सकें। यह पहल अन्य सामाजिक संस्थानों जैसे अपनालय और सेव द चिल्ड्रेन इंडिया के साथ किया जा रहा है।
राशन तक पहुँच अभी भी एक चुनौती है
हमने हमारे पिछले ब्लॉग में इस बात पर प्रकाश डाला था कि लोगों के लिए राशन तक कैसे पहुंच एक बड़ी चुनौती बनी हुई है। कई मामलों में, क्षेत्रों में, राशन की दुकानें केवल चावल या गेहूं ही देने में सक्षम हो पा रही हैं, जिससे घरों में इस समय पौष्टिक भोजन खाना बहुत मुश्किल होता जा रहा है। अभी भी स्थिति बहुत ज्यादा नहीं बदली है, और लोगों को इस समय आवश्यक बुनियादी खाद्य पदार्थों तक पहुंचने में मुश्किल हो रही है। हम मानते हैं कि सार्वजनिक राशन वितरण प्रणाली को सभी के लिए उपलब्ध करवाना इस समय आवश्यक है। इस हफ्ते मुंबई मिरर ने भी इस मुद्दे को कवर किया।
अन्तर्राष्ट्रीय मज़दूर (श्रमिक) दिवस के मौक़े पर सभी को साथ लाने वाला वेबिनार
युवा में हमने 1 मई को सदा ही मज़दूरों व श्रमिकों के साथ अलग अलग कार्यक्रम का आयोजन के माध्यम से मनाया है — इस तरह से हम उनके मूल्यवान योगदान का जश्न मनाते हैं और उनके पहचानने, सम्मान, अधिकारों और कल्याण की मांग रखने के लिए संकल्प लेते हैं। वर्तमान स्थिति को देखते हुए, हमने COVID-19 वैश्विक महामारी की स्थिति और भारत में अनौपचारिक कार्यों पर इसके प्रभाव, सरकार और सामाजिक संगठन द्वारा इसको लेकर विभिन्न प्रतिक्रियाओं और रणनीतियों के बारे में चर्चा करने के लिए विभिन्न पैनलिस्ट (अनौपचारिक श्रमिकों सहित) को साथ लाते हुए एक वेबिनार (हमारे पहले) का आयोजन किया जिसके माध्यम से और सड़क के लिए कुछ संभावित दृष्टिकोण। सत्र की उपस्थिति बहुत ही अच्छी रही, और हमारे YouTube चैनल पर इसे सुना जा सकता है।
लगातार सहयोग देने के लिए एक आग्रह
अपने राहत प्रयासों को लगातार जारी रखने एके लिए हमें और भी सहयोग की आवश्यकता है। अभी तक प्राप्त हुए डोनेशन की राशि को ऊपर लिखे प्रयासों और पहलों में ख़र्च चुके हैं। कृपया इस समय जरूरतमंद परिवारों की सहायता हेतु किए अपनी प्रतिबद्धता के अनुसार हमें फिर से सहयोग करें। लगातार बढ़टी समस्याओं के बीच हमारी सहायता करें और इसे अपने नेट्वर्क में साझा करें।
हम यह सब आपके बिना नहीं कर सकते थे- धन्यवाद
हमारे निरंतर आपातकालीन राहत और संबद्ध प्रयासों को कई सहयोगियों, शुभचिंतकों, नेटवर्क, संगठनों, प्रशासनिक अधिकारियों और अनगिनत अन्य लोगों के समर्थन से संभव बनाया गया है। हम उनमें से हर एक को धन्यवाद देना चाहते हैं, और हमारे सभी साथियों को जो राहत कार्यों के हर चरण में सहयोग कर रहे हैं, आपूर्ति प्रबंधन से लेकर वितरण और बहुत कुछ! आप सभी के समर्थन के कारण ही हम कितना कुछ कर पा रहे हैं।
अंकित झा द्वारा अंग्रेजी से अनुवादित